
कायस्थ महापंचायत 2025” केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि कायस्थ समाज की जागरूकता, संगठितता और राष्ट्रहित में भूमिका निभाने के संकल्प
कायस्थ महापंचायत 2025” केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि कायस्थ समाज की जागरूकता, संगठितता और राष्ट्रहित में भूमिका निभाने के संकल्प
“कायस्थ महापंचायत 2025” केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि कायस्थ समाज की जागरूकता, संगठितता और राष्ट्रहित में भूमिका निभाने के संकल्प का सशक्त प्रतीक बनकर सामने आया। श्री मनीष सिन्हा एवं उनकी टीम के अथक प्रयासों से आयोजित यह प्रथम अधिवेशन न केवल अपनी भव्यता में अद्वितीय रहा, बल्कि इसे “कायस्थ समाज का महाकुंभ” कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।
🔆 नवाचार और परंपरा का संगम
महापंचायत में परंपरा और नवाचार का ऐसा संगम देखा गया, जो समाज के युवाओं और बुजुर्गों दोनों को समान रूप से प्रेरित करता है। कार्यक्रम का संचालन और प्रस्ताव प्रस्तुति, दोनों ही स्तरों पर यह स्पष्ट संदेश मिला कि कायस्थ समाज अब केवल अतीत की विरासत नहीं, भविष्य की दिशा तय करने को तैयार है।
🗡️सामुदायिक कर्तव्य दिवस – मतदान का महत्व
महापंचायत में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि भारत में होने वाले प्रत्येक चुनाव को “सामुदायिक कर्तव्य दिवस” के रूप में मनाया जाएगा। यह पहल केवल वोट देने तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि समाज के प्रत्येक सदस्य को नागरिक उत्तरदायित्व का बोध कराएगी। यह विचारधारा समाज को मात्र वोट बैंक नहीं, बल्कि एक मूल्य-आधारित शक्ति समूह में परिवर्तित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
🗡️राष्ट्रीय कायस्थ समन्वय परिषद – एक साझा मंच की स्थापना
एक प्रमुख प्रस्ताव के रूप में “राष्ट्रीय कायस्थ समन्वय परिषद” की स्थापना की घोषणा की गई। इस परिषद के माध्यम से देशभर के कायस्थ संगठनों को एक साझा मंच पर लाने, समन्वित कार्यनीति तैयार करने और राष्ट्रीय स्तर पर समाज की एक सशक्त आवाज बनकर उभरने का संकल्प लिया गया।
🗡️🕉️ हिंदुत्व, सांस्कृतिक संरक्षण और राष्ट्रवाद की मुखर अभिव्यक्ति
महापंचायत में यह स्पष्ट रूप से रेखांकित किया गया कि कायस्थ समाज केवल जातीय सीमाओं में नहीं बंधा है, बल्कि हिंदू सांस्कृतिक मूल्यों, राष्ट्रभक्ति और समरसता को अपने सामाजिक विमर्श के केंद्र में रखेगा। युवाओं को राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका के लिए प्रेरित करने वाली यह अवधारणा समाज को नई दिशा देगी।
🗿 Statue of Wisdom – डॉ. राजेंद्र प्रसाद को श्रद्धांजलि
भारत के प्रथम राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद की स्मृति में एक “Statue of Wisdom” (ज्ञान की प्रतिमा) के निर्माण का प्रस्ताव पारित किया गया। यह प्रतिमा न केवल कायस्थ समाज की गौरवगाथा का प्रतीक होगी, बल्कि राष्ट्रीय पहचान को वैश्विक स्तर पर सशक्त करने का कार्य करेगी।
🗡️वैज्ञानिक और समग्र जातीय जनगणना की मांग
महापंचायत ने भारत के 29 राज्यों में फैले कायस्थ समाज और उनके उप-समुदायों की वास्तविक और वैज्ञानिक जातीय गणना की आवश्यकता को बलपूर्वक प्रस्तुत किया। यह आंकड़े समाज की सशक्त नीति निर्धारण में सहायक बनेंगे और सरकारी योजनाओं में न्यायसंगत भागीदारी सुनिश्चित करेंगे।
🌍 देश-विदेश से चित्रांश संगठनों की गरिमामयी उपस्थिति
इस महापंचायत में भारत ही नहीं, विदेशों से भी चित्रांश समाज के गणमान्य प्रतिनिधियों ने सहभागिता की। यह आयोजन वैश्विक स्तर पर कायस्थ समाज की सशक्त उपस्थिति का प्रमाण बना।
छपरा से कायस्थ परिवार की टीम एवं अन्य कई संगठनों ने पूर्ण उत्साह और भागीदारी के साथ इस आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह सभी चित्रांश समाज के लिए गर्व की बात रही।
: एक आंदोलन की शुरुआत
“कायस्थ महापंचायत 2025” केवल एक सामाजिक संवाद नहीं, बल्कि एक दूरदर्शी, संगठित और राष्ट्रवादी आंदोलन की शुरुआत है। यह उस जागरण का संकेत है, जिसमें कायस्थ समाज अब केवल इतिहास का पाठक नहीं, बल्कि भविष्य का निर्माता बनना चाहता है।
👉 श्री मनीष सिन्हा एवं उनकी समर्पित टीम को इस भव्य आयोजन के लिए छपरा कायस्थ परिवार की ओर से हार्दिक अभिनंदन एवं साधुवाद।
अभिजीत श्रीवास्तव
मुख्य संयोजक
कायस्थ परिवार छपरा सारण
राष्ट्रीय अध्यक्ष युवा
M2CKI Association(मिशन टू करोड़ चित्रांश अंतर्राष्ट्रीय)