
छात्र राजद की आक्रामक बैठक में उठी शिक्षा की अलख, संगठन विस्तार और युवा संवाद पर बनी क्रांतिकारी रणनीति
छात्र राजद की आक्रामक बैठक में उठी शिक्षा की अलख, संगठन विस्तार और युवा संवाद पर बनी क्रांतिकारी रणनीति
“अब छात्र जाग गए हैं – बैसा-अमौर को डिग्री कॉलेज चाहिए, बहाने नहीं!”: बिस्मिल
छात्र राजद की आक्रामक बैठक में उठी शिक्षा की अलख, संगठन विस्तार और युवा संवाद पर बनी क्रांतिकारी रणनीति
बायसी।
“हम सिर्फ संगठन नहीं हैं – हम बदलाव की भूमिका लिखने निकले हैं!”
छात्र राजद बैसा प्रखंड की नई बैठक में यह एक उद्घोष बनकर गूंजा, जब जिला अध्यक्ष मोहम्मद बिस्मिल ने मंच से घोषणा की —
> “अब बैसा और अमौर को डिग्री कॉलेज मिले बिना चैन नहीं लेने वाले।”
शिक्षा को लेकर सरकार को चेतावनी — बैसा-अमौर अब जाग चुका है
बैठक का मुख्य केंद्र रहा — डिग्री कॉलेज की माँग।
वक्ताओं ने कहा कि बैसा और अमौर जैसे सीमावर्ती इलाकों के छात्र-छात्राओं को आज भी उच्च शिक्षा के लिए कोसों दूर भटकना पड़ता है।
यह न केवल सामाजिक-आर्थिक बाधा बन रहा है, बल्कि बिहार की शिक्षा नीति पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न भी खड़ा कर रहा है।
मोहम्मद बिस्मिल का दो-टूक संदेश –
> “हमारी लड़ाई नियुक्तियों की नहीं, न्यायपूर्ण शिक्षा प्रणाली की है।
बैसा-अमौर के युवाओं को अब ‘प्रतिनिधित्व’ नहीं, परिणाम चाहिए।”
संगठन विस्तार: जोश से भरे युवा चेहरों को मिली कमान
बैठक में संगठन को आधारभूत स्तर पर मजबूत करने हेतु नई टीम की घोषणा की गई:
🟢 बैसा प्रखंड प्रभारी – रेज़ा
🟢 प्रधान महासचिव – राजू कुमार
🟢 संगठनात्मक जिम्मेदारी – दायरन, सबा ज़फर, नासिर, गुफरान, सान उमर, अशरफ, आसिम अमन, नियाज, गुलाब, सान प्रवाज
🟢 अमौर प्रखंड प्रभारी – मुशर्रफ़
इस आयोजन में बायसी प्रखंड अध्यक्ष इकबाल हुसैन और अमौर प्रखंड अध्यक्ष अबु नसर की विशेष मौजूदगी ने बैठक को और गरिमा प्रदान की।
“युवा संवाद 2025” – छात्र क्रांति की नई शुरुआत
बैठक में 27 जुलाई को पूर्णिया के आर्ट गैलरी में आयोजित होने वाले “युवा संवाद” कार्यक्रम की रणनीति साझा की गई।
यह मंच छात्रों की ज़मीनी आवाज़ को नीतिगत संवाद में बदलने का प्रयास होगा।
उद्देश्य:
छात्रों की समस्याओं को नेतृत्व के सामने रखना
डिग्री कॉलेज, रोजगार और डिजिटल शिक्षा की मांग
छात्र जनमत को सशक्त और संगठित बनाना
> “युवा संवाद सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, एक मूक आवाज़ों को माइक देने की मुहिम है।”
मुख्य माँगें और प्रस्ताव:
1. बैसा व अमौर में सरकारी डिग्री कॉलेज की स्थापना
2. युवाओं के लिए रोजगार नीति और स्किल सेंटर
3. छात्रावास और डिजिटल पुस्तकालय की माँग
4. क्षेत्रीय प्रतियोगी परीक्षा केंद्रों की स्थापना
5. महिला छात्रों के लिए सुरक्षित ट्रांजिट सुविधा
आख़िरी अल्टीमेटम: शिक्षा नहीं तो आंदोलन
छात्र राजद की यह बैठक अब केवल राजनीतिक नियुक्ति का पड़ाव नहीं, बल्कि एक शैक्षणिक आंदोलन का शंखनाद बन चुकी है।
🗣 बिस्मिल ने किया ऐलान:
> “अगर सरकार ने इस क्षेत्र की शिक्षा से जुड़ी माँगों को नजरअंदाज किया, तो हम सड़क से विधानसभा तक आंदोलन करेंगे।”