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ललित नारायण तिरहु्त महाविद्यालय में ‘अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस’ पर विशेष व्याख्यान का आयोजन

ललित नारायण तिरहु्त महाविद्यालय में ‘अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस’ पर विशेष व्याख्यान का आयोजन

ललित नारायण तिरहु्त महाविद्यालय में ‘अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस’ पर विशेष व्याख्यान का आयोजन

ललित नारायण तिरहु्त महाविद्यालय, मुजफ्फरपुर में आज अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस के अवसर पर राजनीतिक विज्ञान विभाग द्वारा एक दिवसीय विशेष व्याख्यान का सफल आयोजन किया गया। इस अवसर पर विषय था – “Democracy in India and the World: Resilience, Challenges and the Future”।

 

कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. ममता रानी ने की। उन्होंने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष लोकतंत्र की अवधारणाओं पर विस्तृत चर्चा करते हुए लोकतंत्र की चुनौतियों और उनके समाधान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र निरंतर आत्मसुधार की प्रक्रिया है और हमें इसे शुद्ध (Purified), परिष्कृत (Refined) तथा सुदृढ़ बनाने की दिशा में कार्य करते रहना चाहिए। डॉ. ममता रानी ने भारत को विश्व के सबसे बड़े और सशक्त लोकतंत्रों में से एक बताते हुए कहा कि इसकी जड़ें हमारे सामाजिक-सांस्कृतिक जीवन में गहराई से निहित हैं।

 

इस अवसर पर मुख्य वक्ता प्रो. (डॉ.) अनिल कुमार ओझा, पूर्व विभागाध्यक्ष, राजनीतिक विज्ञान विभाग, बी.आर.ए. बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर ने लोकतंत्र की सैद्धांतिक और तुलनात्मक व्याख्या प्रस्तुत की। उन्होंने अभिजन समाज, राजतंत्र, कुलीन तंत्र, धनिक तंत्र एवं भीड़-तंत्र जैसे विभिन्न शासन रूपों का विश्लेषण करते हुए लोकतंत्र को सर्वोत्तम शासन पद्धति के रूप में स्थापित किया। उन्होंने बल देते हुए कहा कि लोकतंत्र की सार्थकता उसके निरंतर आत्मशोधन और चुनौतियों को स्वीकार कर उन्हें दूर करने की क्षमता में निहित है।

 

कार्यक्रम की संयोजिका एवं विभागाध्यक्ष डॉ. अर्चना सिंह ने मंच संचालन किया और व्याख्यान के मुख्य बिंदुओं को समन्वित करते हुए विद्वत्तापूर्ण मार्गदर्शन प्रदान किया। धन्यवाद ज्ञापन विशेष व्याख्यान की ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. एनी जोया ने प्रस्तुत किया। इस अवसर पर विभाग की डॉ. शशि कुमारी ने भी आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

 

कार्यक्रम में महाविद्यालय परिवार के सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं की उपस्थिति रही। इनमें गणित विभाग से डॉ. योगेश कुमार एवं साक्षी वर्मा, दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. संध्या कुमारी, हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. चितरंजन कुमार, अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार, रसायन शास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. सुनील कुमार, डॉ. प्रतिमा कुमारी, डॉ. अमृता कुमारी, डॉ. वाचस्पति एवं अर्थशास्त्र विभाग की डॉ. स्वाति कुमारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

 

इस अवसर पर छात्र-छात्राओं की उत्साहपूर्ण सहभागिता उल्लेखनीय रही। व्याख्यान के अंत में आयोजित प्रश्नोत्तरी सत्र में विद्यार्थियों ने सक्रिय भागीदारी कर लोकतंत्र की अवधारणा पर सार्थक संवाद स्थापित किया।

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