Blog
अबला से सबला हुई देखो नारी आज,नारी के सहयोग से समृद्ध बने समाज।

अबला से सबला हुई देखो नारी आज,
नारी के सहयोग से समृद्ध बने समाज।
नारी नित नई चुनौतियों को स्वीकार करती आज,
कोमल हृदय पर उन्मुक्त गगन में भरती परवाज।
तिमिर को हरती आशाओं की ज्योति जलाती नारी,
विषम परिस्थितियों में भी सपनों को संजोती है नारी।
अदम्य साहस,सामर्थ्य,स्नेह त्याग की प्रतिमूर्ति है नारी
देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर सुशोभित है नारी।
कला ,साहित्य हर क्षेत्र में नारी ने देश का मान बढ़ाया,
देखो धरती से आकाश तक नया कीर्तिमान बनाया।
शिक्षा,रक्षा,विज्ञान का क्षेत्र हो या हो खेल का मैदान
जल,थल,वायु हर जगह है नारी का सर्वश्रेष्ठ पहचान।
गीत,गजल,कविता लेखन,गायन में अव्वल है नारी।
आत्मविश्वास से परिपूर्ण पुरुषों की संबल है नारी।
सृष्टि की निर्मात्री गंगा की धारा सी निर्मल है नारी।
नारीत्व अलंकृत,सदा कर्मपथ पे अविचल है नारी।
स्वरचित
अनुपमा सिंह सोनी