
सांस्कृतिक रंगमंच से लेकर शपथ ग्रहण तक, तटवासी समाज न्यास और पंचायत का ऐतिहासिक संकल्प
सांस्कृतिक रंगमंच से लेकर शपथ ग्रहण तक, तटवासी समाज न्यास और पंचायत का ऐतिहासिक संकल्प
हथवाड़ा ने स्वतंत्रता दिवस पर छेड़ी जंग — बाल विवाह और बाल श्रम के खिलाफ उठी बुलंद आवाज
सांस्कृतिक रंगमंच से लेकर शपथ ग्रहण तक, तटवासी समाज न्यास और पंचायत का ऐतिहासिक संकल्प
आजमनगर (कटिहार)।
79वें स्वतंत्रता दिवस पर हथवाड़ा पंचायत ने वह कर दिखाया, जो अक्सर सिर्फ कागज़ों तक सीमित रह जाता है। पंचायत सरकार भवन में आयोजित मुख्य समारोह में आजादी का जश्न सामाजिक बदलाव के संकल्प में तब्दील हो गया।
मुखिया भारती कुमारी की अध्यक्षता वाले इस कार्यक्रम में हजारों ग्रामीणों के बीच बच्चों ने नृत्य, संगीत और नाटक के जरिए शराब जैसी सामाजिक बुराइयों पर करारा वार किया। तालियों की गड़गड़ाहट के बीच मंच से निकला यह संदेश साफ था—“आजादी तभी पूरी होगी जब समाज कुरीतियों से मुक्त होगा।”
समारोह की सबसे अहम कड़ी रही बाल विवाह मुक्त पंचायत और बाल श्रम मुक्त पंचायत घोषित करने की शपथ। तटवासी समाज न्यास की सक्रिय भूमिका और राज्य प्रमुख अभिजीत डे की मौजूदगी ने इस संकल्प को और ताक़त दी। कवच परियोजना के तहत जनप्रतिनिधियों, शिक्षकों और बच्चों को बाल शोषण के खिलाफ जागरूक किया गया और कटिहार के हर पंचायत तक इस आंदोलन को ले जाने का बिगुल बजा।
आजमनगर प्रखंड के 10 रेगुलर ब्रिज कोर्स सेंटरों में भी बच्चों संग तिरंगा फहराया गया, जहां उन्हें सुरक्षा, संरक्षण और अधिकारों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
79वें स्वतंत्रता दिवस पर हथवाड़ा पंचायत ने सिर्फ झंडा नहीं फहराया, बल्कि बदलाव का परचम भी लहराया। अब सवाल यह है कि क्या यह संकल्प व्यवहार में भी उतरेगा और कटिहार बाल विवाह व बाल श्रम मुक्त होने की मिसाल पेश करेगा?