
चित्रगुप्त मन्दिर, इस्माईलपुर, फरीदाबाद, हरियाणा के लिए एक पहचान हैं जहां हर
चित्रगुप्त मन्दिर, इस्माईलपुर, फरीदाबाद, हरियाणा के लिए एक पहचान हैं जहां हर
कायस्थ विभूति – विशेश्वर लाल कर्ण

श्री विशेश्वर लाल कर्ण जी केवल एक नाम ही नहीं श्री चित्रगुप्त मन्दिर, इस्माईलपुर, फरीदाबाद, हरियाणा के लिए एक पहचान हैं जहां हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी श्री चित्रगुप्त जी मंदिर के प्रांगण में श्री चित्रगुप्त महाराज जी का पूजन एवं रजत जयंती समारोह (२५वा वर्ष) बड़े ही धूम धाम और आस्था के साथ बनाया गया है। इस अवसर पर कायस्थ प्रगति मंच द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया।
श्री विशेश्वर जी ने अपना सारा जीवन कायस्थ समाज को एकत्र और उनके उत्थान में समर्पित किया। इलाके के कायस्थ समाज को खोजकर उन्हें एकत्रित करने का जो कार्य उन्होंने किया है वह अत्यंत सराहनीय है एवं उन्हीं के अथक प्रयास से आज यह संभव हो पाया है।
इस २५ वर्ष की यात्रा की शुरुआत महिला वर्ग में श्री चित्रगुप्त महराज जी की आस्था को ध्यान में रखते हुए किया गया। इसकी शुरुआत दिल्ली के तत्कालीन जॉइंट कमिश्नर श्री अमोद कंठ जी के करकमलों से दीप प्रज्वलित कर किया गया था। आज श्री कर्ण जी के कठिन परिश्रम से इस क्षेत्र में लगभग २५० परिवार को एकत्रित किया गया है। उनके अथक प्रयास से ही आज हम इस मुकाम पर पहुंचे है। उन्होंने कायस्थ समाज की गरिमा को जागृत किया है।
आज भी हम सब उनकी छत्र-छाया और मार्गदर्शन से इस संस्थान को आगे की ओर बढ़ा रहे है।



