
दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के कुलपति प्रोफेसर संजय कुमार चौधरी पुन: एक विवादास्पद फैसले केलिए चर्चा में हैं।
दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के कुलपति प्रोफेसर संजय कुमार चौधरी पुन: एक विवादास्पद फैसले केलिए चर्चा में हैं।
विवादास्पद कार्यशैली केलिए चर्चित प्रधानाचार्य को सेवानिवृत होने से पहले यूआर कॉलेज,रोसड़ा काअतिरिक्त प्रभार का तोहफा मानवीय भूल या कुछ और
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दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के कुलपति प्रोफेसर संजय कुमार चौधरी पुन: एक विवादास्पद फैसले केलिए चर्चा में हैं।
जिसमें उन्होंने नियुक्ति काल से ही गवन और घोटाले के लिए चर्चित रही समस्तीपुर काॅलेज समस्तीपुर की वर्तमान प्रधानाचार्य डाॅ मीना प्रसाद को यूआर काॅलेज, रोसड़ा का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है।
ये वही मीना प्रसाद हैं जो अपने नियुक्ति के बाद सहायक प्रध्यापक से लेकर प्रिंसिपल बनने तक विवाद और भ्रष्टाचार के लिए चर्चित रही हैं। समस्तीपुर कॉलेज समस्तीपुर में अंग्रेजी विभाग में पदस्थापन के बाद मीना प्रसाद अपने विभागीय लोगों से विवाद खड़ा कर चर्चित रही। हाल ही में इनके प्रिंसिपल बनने के बाद समस्तीपुर कॉलेज समस्तीपुर में पीटीआई शिक्षक रणधीर कुमार सिंह अन्य कर्मचारियों के असंतोष के कारण महीना भर कॉलेज में तनावपूर्ण हड़ताल रहा। समस्तीपुर कॉलेज, समस्तीपुर में भाषा प्रयोगशाला (लैंग्वेज लैब) निर्माण में करोड़ों के रुपए की हेरा फेरी करने के भी इन पर गंभीर आरोप लगे हैं। मूल्यांकन केंद्र में विश्वविद्यालय द्वारा दिए गए मूल्यांकन के लिए मानदेय वितरण, व मूल्यांकन हेतु शिक्षकों के नियुक्ति में हेरा फेरी करने जैसे गंभीर आरोप के बाद यहां से मूल्यांकन केंद्र सदा सदा के लिए हटा दिया गया। बाद में विमेंस कॉलेज में इनका पदस्थापन किया गया। वहां भी मुख्यमंत्री और सरकार के आदेश से बावजूद छात्राओं से अवैध रूप से फीस लिए जाने और फीस राशि को गबन किए जाने के कारण छात्राओं द्वारा हड़ताल किया गया। महिला कॉलेज के पुराने जेल परिसर में स्थानांतरित होने के बाद महाविद्यालय निर्माण के क्रम में जेल मकान के ईट आदि को बेचकर पूरी राशि गबन किए जाने का भी इन पर आरोप है। बलिराम भगत महाविद्यालय समस्तीपुर का अतिरिक्त प्रभार दिए जाने के बाद वहां लाखों रुपए की गबन के आरोप में तत्कालीन कुलपति ने निलंबित करते हुए मुख्यालय में योगदान देने आदेश दिया था। इस आदेश की अवहेलना करने पर तत्कालीन कुलपति ने डाॅ मीना प्रसाद का मुख्यालय जयनगर बना दिया था। वर्तमान कुलपति के आने पर उन्होंने करीब 8 महीने पहले समस्तीपुर कॉलेज समस्तीपुर में पुन: पदस्थापन करा लिया। जहां एक बार फिर शिक्षक, कर्मचारी, व छात्र के साथ विवाद खड़ा होने के बाद 15 दिनों तक महाविद्यालय में स्थिति विस्फोटक बनी रही। कर्मचारी संघ द्वारा धरना प्रदर्शन के बाद कुलपति के पहल पर मामला शांत कराया गया। हालिया जानकारी के मुताबिक यू आर कॉलेज के प्रभारी प्रधानाचार्य डॉक्टर घनश्याम राय को मुंगेर विश्वविद्यालय का कुलसचिव बनाए जाने के बाद ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति संजय कुमार चौधरी ने अनजाने में या जानबूझकर विश्वविद्यालय पदस्थापन नियमावली के प्रावधान को ताक पर रखकर अगस्त माह में अवकाश प्राप्त होने वाली प्रधानाचार्य डॉक्टर मीना प्रसाद को यूआर कॉलेज के प्रधानाचार्य का अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया।
गबन के मामले में निलंबित हो चुके विवादास्पद कार्यकाल वाली डाॅ प्रसाद को सेवानिवृति के कुछ महीने पहले किसी महाविद्यालय का अतिरिक्त प्रभार देना कितना न्याय संगत और नियमानुकूल है? यह तो खुद बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति आरिफ खान को फैसला लेना है।