
चित्रगुप्त पूजा में उमड़ा आस्था का सैलाब — एकता और संस्कृति का संगम
चित्रगुप्त पूजा में उमड़ा आस्था का सैलाब — एकता और संस्कृति का संगम
चित्रगुप्त पूजा में उमड़ा आस्था का सैलाब — एकता और संस्कृति का संगम
अररिया ।

स्थानीय वार्ड संख्या 16 स्थित मां दुर्गेश्वरी मंदिर परिसर में चित्रगुप्त पूजा समिति के तत्वावधान में गुरुवार को वैदिक मंत्रोच्चार के बीच महाराज चित्रगुप्त की पूजा-अर्चना की गई।पूजन कार्यक्रम की अगुवाई समिति के अध्यक्ष चंदन कुमार ने की।
इस अवसर पर न केवल चित्रांश परिवार, बल्कि अन्य जाति-धर्म के श्रद्धालुओं ने भी बड़ी संख्या में शिरकत की — जिसने सामाजिक सौहार्द और एकता की मिसाल पेश की।
वेदघोष और कलम-दावात पूजा की परंपरा जीवंत
मंदिर परिसर वैदिक मंत्रों की गूंज और दीपमालाओं की रोशनी से आलोकित रहा।भक्तों ने कलम-दावात पूजा कर ज्ञानदेव चित्रगुप्त से समाज में न्याय, विवेक और समृद्धि की कामना की।
कमेटी के पदाधिकारी और गणमान्य उपस्थित
कार्यक्रम में समिति के
संरक्षक उदित लाल दास,
प्रवीण श्रीवास्तव, रामकुमार प्रसाद, रमेश चंद्र अंबष्ठ,
सुदीप कुमार वर्मा, अनिल श्रीवास्तव,दीपक कुमार वर्मा (रिंकू वर्मा), आशुतोष वर्मा,
उपाध्यक्ष किसलय कुमार, सचिव अभिषेक सागर,उपसचिव राजेश कुमार सिन्हा, कोषाध्यक्ष गौरव कुमार सहित कार्यकारिणी सदस्य प्रदीप कुमार, पंकज वर्मा,
सजल आनंद, सूरज वर्मा एवं अन्य श्रद्धालु उपस्थित रहे।
सुरुचि भोज से गूंजी भक्ति की महक
पूजा उपरांत चित्रांश परिवार एवं समिति की ओर से सुरुचि भोज का आयोजन किया गया,
जहां श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया और भक्ति भाव से एक-दूसरे को शुभकामनाएं दीं।
खरैहिया बस्ती में भी रही धार्मिक रौनक
उधर खरैहिया बस्ती (कायस्थ टोला, वार्ड संख्या 12) में भी भव्य चित्रगुप्त पूजा संपन्न हुई।
यहां पूजा के साथ-साथ खिचड़ी भंडारे का आयोजन किया गया,
जिसमें स्थानीय श्रद्धालुओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।
भक्ति और एकता का सुंदर संगम
चित्रगुप्त पूजा ने अररिया में फिर साबित कर दिया कि
संस्कृति जोड़ती है, समाज बनाती है और एकता जगाती है।
कलम-दावात की यह परंपरा केवल पूजा नहीं,
बल्कि ज्ञान, न्याय और समरसता का जीवंत उत्सव है।



