
ई. दिवाकर सिंह यादव के नेतृत्व में ऐतिहासिक नज़ारा — राहुल-तेजस्वी का पूर्णिया आगमन, वोटर अधिकार यात्रा बनी जनसैलाब
ई. दिवाकर सिंह यादव के नेतृत्व में ऐतिहासिक नज़ारा — राहुल-तेजस्वी का पूर्णिया आगमन, वोटर अधिकार यात्रा बनी जनसैलाब
ई. दिवाकर सिंह यादव के नेतृत्व में ऐतिहासिक नज़ारा — राहुल-तेजस्वी का पूर्णिया आगमन, वोटर अधिकार यात्रा बनी जनसैलाब
पूर्णिया।
लोकतंत्र के महापर्व को नया आयाम देने वाली वोटर अधिकार यात्रा शनिवार की रात पूर्णिया की पावन धरती पर एक ऐतिहासिक मुकाम पर पहुंची। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव का संयुक्त आगमन जैसे ही हुआ, पूरा इलाका जोश, उत्साह और नारों की गूंज से सराबोर हो गया।
ई. दिवाकर बने स्वागत के नायक
पूर्णिया सदर विधानसभा से कांग्रेस के भावी प्रत्याशी कुमार दिवाकर सिंह उर्फ ई. दिवाकर यादव अपने समर्थकों की विशाल भीड़ के साथ कार्यक्रम के केंद्र में नजर आए। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव का उन्होंने फूल-मालाओं, गगनभेदी नारों और पारंपरिक आतिथ्य के साथ गर्मजोशी से स्वागत किया।
समर्थकों के हुजूम ने यह साफ कर दिया कि सीमांचल की राजनीति में अब ई. दिवाकर एक उभरते हुए सशक्त चेहरे बनकर सामने आ रहे हैं।
जनता का उत्साह और लोकतांत्रिक संकल्प
हजारों की संख्या में पहुंचे जनसैलाब ने इस यात्रा को महज राजनीतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक अधिकारों की लड़ाई का प्रतीक बना दिया।
जहां युवाओं ने “वोट हमारी ताकत है” के नारे लगाए, वहीं महिलाओं ने राहुल-तेजस्वी का अभिनंदन कर इस यात्रा को सामाजिक बदलाव की आवाज बताया। वरिष्ठ नागरिकों ने इसे आज़ादी के बाद लोकतंत्र को मजबूत करने वाला सबसे बड़ा आंदोलन करार दिया।
राजनीति की गर्माहट, परिवर्तन की दस्तक
राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की साझा मौजूदगी ने स्पष्ट संकेत दिया कि सीमांचल अब बदलाव की राजनीति का केंद्र बनने को तैयार है। ई. दिवाकर के नेतृत्व में कांग्रेस समर्थकों की एकजुटता ने विपक्षी खेमे में खलबली मचा दी है।
स्थानीय लोगों का मानना है कि इस यात्रा से आने वाले विधानसभा चुनाव की तस्वीर बदल सकती है।
कार्यक्रम का दृश्य
पूरा इलाका जय-जयकार और लोकतांत्रिक नारों से गूंज उठा।
रात में भीड़ का उत्साह दिन के उजाले को मात देता रहा।
राहुल और तेजस्वी की मौजूदगी से माहौल रोमांचक और ऐतिहासिक बन गया।
ई. दिवाकर के पोस्टर, बैनर और रथ ने आकर्षण का केंद्र बनकर लोगों को खींचा।
पूर्णिया की धरती पर हुआ यह भव्य आयोजन सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि लोकतंत्र की ताकत, जनता की आवाज़ और बदलाव के संकल्प का प्रतीक बन गया।
राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के आगमन ने जहां सीमांचल की सियासत को नई दिशा दी, वहीं ई. दिवाकर ने अपने समर्थकों की ताकत से यह साबित कर दिया कि वे आने वाले समय में कांग्रेस के मजबूत स्तंभ के रूप में उभरने वाले हैं।