
बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के राज्यव्यापी आह्वान पर 22 जुलाई 2025 को राजधानी पटना के गर्दनीबाग में इतिहास रचा जाएगा,
बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के राज्यव्यापी आह्वान पर 22 जुलाई 2025 को राजधानी पटना के गर्दनीबाग में इतिहास रचा जाएगा,
“अब झुकेंगे नहीं, सरकार हिलेगी!” – भुवन कुमार का ऐलान
22 जुलाई को पटना में विधानसभा घेराव, लाखों शिक्षक एकजुट होकर मांगेंगे अपना हक – ‘हक दो, वरना गद्दी छोड़ो’
मधेपुरा |
बिहार की शिक्षा व्यवस्था और शिक्षकों के हक-हकूक को लेकर अब शब्द नहीं, संघर्ष बोलेगा।
बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के राज्यव्यापी आह्वान पर 22 जुलाई 2025 को राजधानी पटना के गर्दनीबाग में इतिहास रचा जाएगा, जहां राज्य के कोने-कोने से लाखों शिक्षक एक स्वर में हुंकार भरेंगे।
इस संघर्ष की अगुवाई कर रहे हैं मधेपुरा जिला अध्यक्ष भुवन कुमार, जिनका कहना है:
> “20 साल की सेवा के बाद भी शिक्षक नहीं, ‘संघर्षकर्ता’ हैं हम!
इस बार आरपार की लड़ाई है – हक चाहिए या फिर कुर्सी खाली करो।”
शिक्षक एकजुट – अब आरपार की तैयारी
पिछले कुछ दिनों में पूरे ज़िले में मशाल जुलूस, जनसम्पर्क और आक्रोश मार्च के जरिए संघ ने सरकार को स्पष्ट संदेश दे दिया है —
अब सिर्फ वादा नहीं, लिखित फैसला चाहिए!
भुवन कुमार ने साफ कहा:
> “शिक्षकों को अलग-अलग नाम देकर बांटना अब नहीं चलेगा। जो वर्षों से सेवा दे रहे हैं, उन्हें अब न्याय चाहिए, टालमटोल नहीं।”
संघ की प्रमुख मांगे —
🔹 सभी नियोजित, विशिष्ट और विद्यालय शिक्षकों को सहायक शिक्षक का दर्जा
🔹 9300–34800 ग्रेड पे व राज्यकर्मी जैसी सुविधाएं
🔹 सेवा की निरंतरता, प्रोन्नति, और पुरानी पेंशन योजना की बहाली
🔹 65 वर्ष तक सेवा की आयु
🔹 टोला सेवक, शारीरिक शिक्षा व तालीमी मरकज को शिक्षक समान वेतनमान
🔹 नव प्रधानाध्यापक को पुराने HM जैसा वेतनमान
🔹 स्थानांतरण, पदस्थापन व HRMS की तकनीकी त्रुटियाँ सुधारें जाएं
🔹 हिन्दी-उर्दू विद्यालय संचालन नीति को पूर्ववत लागू किया जाए
🔹 अप्रशिक्षित शिक्षकों की सेवा बहाल कर वेतन भुगतान किया जाए
भविष्य की लड़ाई तय करेगी ये एकजुटता
जिला प्रधान सचिव संजय कुमार ने भी आंदोलन की गंभीरता को दोहराते हुए कहा:
> “सरकार ने हर बार शिक्षकों को वादों में उलझाया, अब नहीं।
हमने जो भी पाया है, संघर्ष से पाया है।
22 जुलाई को पटना में शिक्षक इतिहास बनाएंगे।”
यात्रा और आयोजन की रूपरेखा:
रवाना होने की तिथि: 21 जुलाई 2025 (सोमवार शाम)
स्थान: सहरसा से पटना (बस और जनहित ट्रेन द्वारा)
आंदोलन स्थल: गर्दनीबाग, पटना
नेतृत्व में:
प्रदेश अध्यक्ष – प्रदीप कुमार पप्पू,कोषाध्यक्ष – अनवार करीम समस्त प्रदेश कमेटी की सक्रिय मौजूदगी।
गर्दनीबाग नहीं, यह शिक्षकों की रणभूमि है! “जो हक नहीं दे सकते, वो शासन करने लायक नहीं” – शिक्षकों का स्पष्ट संदेश
शिक्षक आंदोलन अब सिर्फ मांग नहीं, बदलाव की ललकार है!