
सच कहना अगर बगावत है, तो अनिल यादव बागी हैं” — नरपतगंज की हॉट सीट से गूंजा बागी स्वर
सच कहना अगर बगावत है, तो अनिल यादव बागी हैं” — नरपतगंज की हॉट सीट से गूंजा बागी स्वर
“सच कहना अगर बगावत है, तो अनिल यादव बागी हैं” — नरपतगंज की हॉट सीट से गूंजा बागी स्वर

राजद के बागी व निर्दलीय प्रत्याशी पूर्व विधायक अनिल यादव ने पार्टी नेतृत्व पर साधा निशाना, कहा — ‘पार्टी मां है, पर जब नागिन बन जाए तो बगावत जरूरी’
*नरपतगंज से लौटकर डा. रूद्र किंकर वर्मा।*
बिहार की सियासत में नरपतगंज विधानसभा सीट एक बार फिर ‘हॉट सीट’ बन चुकी है। राजद के पूर्व विधायक और अब निर्दलीय प्रत्याशी अनिल यादव ने अपने तेवरों से चुनावी माहौल में नई गर्मी ला दी है।
उन्होंने तीखे शब्दों में कहा — “पार्टी मां होती है, लेकिन मां नागिन भी होती है जो अपने अंडे को खा जाती है। अगर पार्टी नागिन का काम करने लगेगी, तो गद्दारी नहीं करूंगा, बगावत जरूर करूंगा।”
*‘मेड़ जब खेत की फसल खाए, तो उसे तोड़ना ही उचित है’*
अनिल यादव ने पार्टी नेतृत्व पर संगठनात्मक गड़बड़ी और विचारधारा से भटकने के आरोप लगाते हुए कहा कि अब समाजवादी सोच और सामाजिक न्याय की लड़ाई को बचाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा —
“जब मेड़ खेत की फसल को खाने लगे, तो फिर उस मेड़ को तोड़ना ही उचित है। मैं समाजवाद की लड़ाई लड़ता हूं, और अगर सच कहना बगावत है, तो समझिए अनिल यादव बागी है।”
*‘तीन पी’ से दूर रहने की सलाह पर भी साधा निशाना*
पूर्व विधायक ने अपने भाषण में राजद के अंदरूनी मामलों पर खुलकर टिप्पणी की।
उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव ने स्वयं पार्टी नेताओं से कहा था कि “तीन पी” — पैरोकारी, परिक्रमा और पैसा — से दूर रहें और सर्वे के आधार पर टिकट तय होंगे। “मैंने पूरी निष्ठा से उस आदेश का पालन किया। गांव-गांव घूमता रहा, बाढ़ और आंधी में जनता के बीच रहा, लेकिन टिकट बांटने में वही पुरानी पैरवी और चमचागिरी की राजनीति लौट आई,” अनिल यादव ने कहा।
*‘तेजस्वी प्रतिभावान हैं, पर सलाह की जरूरत है’*
तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर बोलते हुए उन्होंने कहा — “तेजस्वी हमारे नेता हैं, नौवीं पास हैं, लेकिन प्रतिभा उनमें कूट-कूटकर भरी है। पर हर नौजवान को सलाह की जरूरत होती है। जैसे बेटा सुबह नाश्ता कर ले, नहा ले — वैसी सलाह देने वाले बुजुर्गों को दरकिनार कर दिया गया।”
उन्होंने आरोप लगाया कि “तेजस्वी को बाहरी लोगों ने घेर लिया है और वरिष्ठ नेताओं से मिलने नहीं दिया जा रहा।”
*‘अब फैसला आवाम करेगी’*
अनिल यादव ने कहा कि उन्होंने पार्टी और सिद्धांतों के खिलाफ कभी गद्दारी नहीं की, बल्कि अन्याय और अवसरवाद के खिलाफ आवाज उठाई है।
“अब फैसला जनता करेगी कि बगावत किसकी है — मेरी या पार्टी की,” उन्होंने कहा।
*नरपतगंज में बगावत की आग तेज*
नरपतगंज विधानसभा से अनिल यादव का यह बयान न केवल स्थानीय समीकरण बदलने वाला है, बल्कि यह राजद के भीतर उठते असंतोष का खुला संकेत भी है।
- छठ पर्व के बाद जिस तरह से बिहार की राजनीति तापमान पकड़ रही है, उसमें अनिल यादव का यह बागी तेवर सियासी पारा और चढ़ाने वाला साबित हो सकता है।



