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विधानसभा सत्र में भूमि अधिग्रहण और पीजी मान्यता पर मुहर संभव, वर्षों से अटके प्रोन्नति मामलों को मिलेगा न्याय

विधानसभा सत्र में भूमि अधिग्रहण और पीजी मान्यता पर मुहर संभव, वर्षों से अटके प्रोन्नति मामलों को मिलेगा न्याय

मुंगेर विश्वविद्यालय को बड़ी सौगात की तैयारी!

विधानसभा सत्र में भूमि अधिग्रहण और पीजी मान्यता पर मुहर संभव, वर्षों से अटके प्रोन्नति मामलों को मिलेगा न्याय

पटना/मुंगेर ।

मुंगेर विश्वविद्यालय के विकास कार्यों और वर्षों से लटके फैकल्टी प्रोन्नति जैसे मामलों को लेकर गुरुवार को एक बड़ी प्रशासनिक पहल सामने आई। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय कुमार के निर्देश पर कुलसचिव डॉ. घनश्याम राय ने पटना में उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. नवीन कुमार अग्रवाल से महत्वपूर्ण मुलाकात की।

22 जुलाई से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में रखे जाएंगे प्रस्ताव

मुलाकात में यह स्पष्ट हुआ कि:

विश्वविद्यालय हेतु स्थायी परिसर के लिए भूमि अधिग्रहण और

स्नातकोत्तर विभागों की मान्यता
से जुड़े प्रस्ताव को 22 से 26 जुलाई 2025 तक चलने वाले बिहार विधानसभा सत्र में शामिल किया जाएगा।

इस पर सदन की मंजूरी के बाद महामहिम राज्यपाल-सह-कुलाधिपति से स्वीकृति ली जाएगी और अधिसूचना जारी होगी।
भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है, डीएम कार्यालय से प्राक्कलन शीघ्र भेजा जाएगा।

पीजी पाठ्यक्रमों की नई मान्यता और युक्तिकरण विश्वविद्यालय स्तर पर

डॉ. राय को यह भी बताया गया कि विश्वविद्यालय में नए पीजी पाठ्यक्रमों की मान्यता की संभावनाएं मजबूत हैं।
साथ ही, युक्तिकरण (Rationalization) प्रक्रिया अब मुंगेर विश्वविद्यालय द्वारा स्वतंत्र रूप से पूरी की जाएगी— पहले यह तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के अधीन थी।

दो रिटायर्ड प्राध्यापकों को न्याय मिलेगा – 5 हफ्ते में प्रोन्नति की प्रक्रिया पूरी

कुलसचिव डा.राय ने महामहिम राज्यपाल सह कुलाधिपति से सीधे मुलाकात कर दो सेवानिवृत्त शिक्षकों की वर्षों से लंबित प्रोन्नति का मामला उठाया।
महामहिम ने इसे 5 सप्ताह में निष्पादित करने का आश्वासन दिया और सक्रिय संवाद को लेकर संतोष प्रकट किया।

सम्मेलन की स्मारिका भेंट, कुलसचिव को मिला स्नेह व आशीर्वाद

डॉ. राय ने महामहिम को 17–18 मई 2025 को यूआर कॉलेज, रोसड़ा में आयोजित सम्मेलन की स्मारिका सप्रेम भेंट की, जिसमें महामहिम का बधाई संदेश प्रकाशित था।
महामहिम ने मुस्कुराते हुए पूछा —

> “आप अभी–अभी कुलसचिव बने हैं?”
जिस पर डॉ. राय ने कहा —
“आपके कर-कमलों से मुझे दोबारा यह उत्तरदायित्व मिला है। यह मेरे लिए सौभाग्य है।”

इस मुलाकात ने यह स्पष्ट कर दिया है कि मुंगेर विश्वविद्यालय अब विकास की नई राह पर है। वर्षों से लंबित मुद्दों को प्राथमिकता देकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने न केवल नई उम्मीद जगाई है, बल्कि उच्च शिक्षा में पारदर्शिता और तत्परता की एक मिसाल भी पेश की है।

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