
कायस्थ प्रगति मंच ने चित्रगुप्त पूजा के अवसर पर 25 चित्रांश बंधुओं को सम्मानित किया
कायस्थ प्रगति मंच ने चित्रगुप्त पूजा के अवसर पर 25 चित्रांश बंधुओं को सम्मानित किया
कायस्थ प्रगति मंच ने चित्रगुप्त पूजा के अवसर पर 25 चित्रांश बंधुओं को सम्मानित किया

कायस्थ प्रगति मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. बी. के. मल्लिक द्वारा श्री चित्रगुप्त समाज कल्याण परिषद, पंचशील कालोनी में 25वां सिल्वर जुबली वर्ष मनाया गया। जिसमें 25 चित्रांश बंधुओं को सम्मानित किया गया। इस संस्था के संस्थापक अध्यक्ष एवं वयोवृद्ध समाजसेवी श्री विशेश्वर लाल दास को सम्मानित किया गया। जिनके मार्गदर्शन में आज तक इस मंदिर का कार्य सुचारू रूप से चल रहा है। इस अवसर पर कायस्थ प्रगति मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ बी के मल्लिक ने कहा कि मुझे इस बात पर गर्व अनुभव हो रहा है कि श्री विशेश्वर लाल दासजी जैसे महान समाजसेवी को सम्मानित करने का अवसर मिला। इनका कायस्थ को जोड़ने का तरीका से नवयुवक को शिक्षा लेना चाहिए। ये सबका साथ और सबका विश्वास के साथ आगे बढ़े और इस संस्था के सभी पदाधिकारी इसी मंत्र के साथ आगे बढ़ रहे है। जिस प्रकार से श्री चित्रगुप्त मंदिर के पदाधिकारी एवं सदस्य कार्य कर रहे वह बहुत ही सराहनीय है। यह मंदिर दिल्ली एनसीआर का एक प्रमुख मंदिर में से एक है। इस अवसर पर जिन लोगों को सम्मानित किया गया उनमें कार्यकारी अध्यक्ष श्री सतीश कुमार दत्ता, महासचिव श्री अजय कर्ण, कोषाध्यक्ष श्री रत्नेश कुमार मल्लिक, सुधीर कुमार, संजय कुमार श्रीवास्तव, डी के मल्लिक, केशव कुमार दास, चौधरी जी, संजीव कुमार कर्ण, प्रमोद कुमार दत्त, प्रमोद कुमार कर्ण, धर्मेंद्र कर्ण, राजेश कर्ण, नवीन कर्ण, कृष्ण कुमार एवं अन्य गणमान्य लोग शामिल थे।
श्री चित्रगुप्त समाज कल्याण परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष श्री सतीश कुमार दत्ता ने कहा कि हमलोगों का उद्देश्य मंदिर के साथ कायस्थ का विकास होना चाहिए। वीणा किसी भेदभाव के साथ हमलोग बढ़ रहे है। महासचिव श्री अजय कर्ण ने कहा कि इस मंदिर को भव्य बनाना है जिसके कारण प्रत्येक वर्ष इस मंदिर में सदस्य का संख्या बढ़ रहा है और काफी बड़ी संख्या में लोग आते है। कोषाध्यक्ष श्री रत्नेश कुमार मल्लिक ने कहा कि हमारे मंदिर का कार्य पारदर्शी रहता है और दूरगामी सोच के साथ हमलोग मिलकर कार्य कर रहे है। श्री संजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि इस मंदिर से लोगों का एक भावनात्मक जुड़ाव है जिसके कारण काफी संख्या में चित्रांश बंधु आते है।



