
मैथिली भजन की लोकप्रिय गायिका जूली झा अपनी भक्ति संध्या से वातावरण को शिवमय
मैथिली भजन की लोकप्रिय गायिका जूली झा अपनी भक्ति संध्या से वातावरण को शिवमय
श्रावणी पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर भक्ति रस में डूबेगा ऐतिहासिक सुन्दरनाथ धाम: 8 अगस्त को जूली झा करेंगी भजन प्रस्तुति
कुर्साकांटा /सुन्दरनाथ धाम |
आस्था, परंपरा और भक्ति का संगम बनकर एक बार फिर सुन्दरनाथ धाम गूंजेगा शिव नाम से। इस बार श्रावणी पूर्णिमा की पूर्व संध्या, यानी 8 अगस्त की रात्रि, शिव भक्तों के लिए विशेष होने जा रही है, जब मैथिली भजन की लोकप्रिय गायिका जूली झा अपनी भक्ति संध्या से वातावरण को शिवमय
सुंदरी मठ न्यास समिति के कोषाध्यक्ष प्रणव कुमार गुप्ता एवं सदस्य एच.के. सिंह ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी श्रावणी पूर्णिमा की पूर्व संध्या को भक्ति जागरण एवं झांकी का भव्य आयोजन किया जा रहा है।
> “श्रद्धालुओं के अनुराग को ध्यान में रखते हुए इस बार मंच पर जूली झा की प्रस्तुतियाँ होंगी, जो पूरे धाम को भक्तिरस से सराबोर कर देंगी।”
हज़ारों शिव भक्त करेंगे रात्रि वास, होगी भव्य झांकी
9 अगस्त को श्रावणी पूर्णिमा है, जिस अवसर पर श्रद्धालु भारी संख्या में मंदिर में रात्रि वास करते हैं। ऐसे में इस आयोजन का उद्देश्य भक्तों को आध्यात्मिक संबल देना और शिव भक्ति में रात्रि जागरण को उत्सव का रूप देना है।
धार्मिक झांकियां, शिव-पार्वती विवाह की लीलाएं एवं पौराणिक प्रसंगों का मंचन इस वर्ष विशेष आकर्षण रहेगा।
राजनीतिक और सामाजिक हस्तियों की उपस्थिति
इस बार कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने के लिए विशेष अतिथि के रूप में माननीय सांसद प्रदीप कुमार सिंह एवं बिहार सरकार के कैबिनेट मिनिस्टर सह सुंदरी मठ न्यास समिति के अध्यक्ष सिकटी विधायक विजय कुमार मंडल उपस्थित रहेंगे। आयोजन समिति के अनुसार, यह सिर्फ भक्ति का नहीं, बल्कि सामाजिक एकता का भी प्रतीक होगा।
श्रद्धालुओं के लिए की जा रही विशेष व्यवस्थाएं
शिवगंगा महाड़ और मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष बैरिकेडिंग, जलाभिषेक मार्ग, रोशनी एवं स्वच्छता व्यवस्था तेजी से की जा रही है।
> आयोजन समिति के सदस्य ने कहा, “हमारा प्रयास है कि श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा न हो। हर व्यवस्था श्रद्धा और सेवा भाव से की जा रही है।”
सुन्दरनाथ धाम इस बार श्रावणी पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर एक भक्ति उत्सव का साक्षी बनेगा, जहां धार्मिक संगीत, श्रद्धा, और शिवभक्ति का मिलन होगा। जो भी इस अवसर पर धाम पहुंचेगा, वह केवल एक श्रद्धालु नहीं बल्कि भक्ति में रमा एक आत्मा होगा।