
युवा कवयित्री एवं लेखिका हिना कौसर गोरखपुरी आज *अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन दिवस पर* *”अंतर्राष्ट्रीय हिंदी मित्र सम्मान”* से हुईं सम्मानित।
युवा कवयित्री एवं लेखिका हिना कौसर गोरखपुरी आज *अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन दिवस पर* *"अंतर्राष्ट्रीय हिंदी मित्र सम्मान"* से हुईं सम्मानित।
युवा कवयित्री एवं लेखिका हिना कौसर गोरखपुरी आज *अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन दिवस पर* *”अंतर्राष्ट्रीय हिंदी मित्र सम्मान”* से हुईं सम्मानित।
आज विश्व भर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन दिवस मनाया गया है। इसी तरह नेपाल की पवित्र भूमि में पर्यटन विकास के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में जिले की युवा कवयित्री एवं लेखिका को सम्मानित किया गया है। *शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउन्डेशन नेपाल* द्वारा आयोजित नेपाल भारत बीच मैत्रीपूर्ण धार्मिक पर्यटन विकास संगोष्ठी में माधुरी को सम्मानित किया गया है। नेपाल के धार्मिक स्थलों का वैश्विक स्तर पर प्रचार प्रसार करने, जनकपुर धाम तथा अयोध्या धाम धार्मिक सर्किट के बारे में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचार प्रसार करने, देश विदेश की हिंदी कवयित्रियों को प्रोत्साहित करने, तथा देवनागरी लिपि के संरक्षण संवर्द्धन के उद्देश्य से आयोजित इस संगोष्ठी में *हिना कौसर गोरखपुरी* को *अंतर्राष्ट्रीय हिंदी मित्र सम्मान* से *प्रशस्ति पत्र सर्टिफिकेट* प्रदान कर सम्मानित किया गया है। आप सभी को बताना चाहेंगे हिना कौसर की साझा संकलन की 24 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं,सैकड़ों रचनाएं देश विदेश की विभिन्न पत्र पत्रिकाओं एवं अख़बारों में भी प्रकाशित हुई हैं तथा हिंदी साहित्य सृजन में उल्लेखनीय योगदान के लिए सैंकड़ो प्रतिष्ठित सम्मान पुरस्कार मिल चुके हैं। संगोष्ठी में बोलते हुए संस्था के संस्थापक अध्यक्ष आनन्द गिरि मायालु ने कहा – नेपाल भारत का मैत्री सम्बंध युगों युगों से रहा है आज रोटी बेटी का सम्बन्ध प्रगाढ़ होता गया है। विश्व के सभी लोगों को अपने जीवन में एक बार नेपाल अवश्य आना चाहिए नेपाल के रमणीय स्थल पर्यटकों का मन मोह लेंगे। पशुपति नाथ के दर्शन से व्यक्ति को कभी पशु योनि में जन्म नहीं लेना पड़ता है। संस्था की वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ मंजू खरे, दतिया ने कहा – माधुरी करसाल मधुरिमा जैसी आज देश की महिलाएं बहुत श्रेष्ठ सृजन कर रही हैं उनकी रचनात्मक क्षमता को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार को जिले स्तर पर एक कोष की स्थापना कर अग्रज तथा नवोदित सर्जकों के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने की आवश्यकता है। आज संगोष्ठी के मौके पर 121 कवयित्रियों को प्रोत्साहित करने हेतु सम्मानित किया गया है। सम्मानित की गई सभी कवयित्रियों की उत्कृष्ट कविता, फोटो तथा विस्तृत परिचय का प्रकाशन ऐतिहासिक महत्व के गौरवशाली अंतर्राष्ट्रीय स्तर के ग्रन्थ 21 वीं सदी की हिंदी कवयित्रियाँ में प्रकाशन किया जायेगा। युवा कवयित्री हिना कौसर गोरखपुरी कहती हैं कि – शब्द प्रतिभा से सम्मानित होकर आज ऐसा लग रहा है कि आज ही जीवन की सबसे बड़ी खुशी एवं उपलब्धि मिली है, जहां आज लोग ईर्ष्या डाह में डूबे हुए हैं वहीं शब्द प्रतिभा संस्थागत रूप में देश विदेश के कवि, लेखक और साहित्यकारों को अंतर्राष्ट्रीय मंच प्रदान कर आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित
करता आया है आभार व्यक्त करती हूं आनन्द गिरि मायालु का जिन्होंने इस संस्था को जन्म दिया। इस आदरणीय मंच को आभार व्यक्त के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। मुझे इस उत्कृष्ट सम्मान से सम्मानित कर के धन्य कर दिए। मैं इस अंतर्राष्ट्रीय मंच का सदा आभारी रहूंगी तथा प्रतिज्ञाबद्ध रहूंगी कि मैं सदैव सम्पूर्ण निष्ठा से हिन्दी साहित्य के प्रति समर्पित रहूंगी एवं अपने देश एवं मातृभाषा के विकास के लिए सजगता से कर्त्तव्यों का निर्वहन करूंगी। शब्द प्रतिभा का यह प्रवाह निरंतर आगे बढ़ता रहे शुभकामना प्रदान करती हूं। साथ ही साथ उन्होंने आज *विश्व पर्यटन दिवस* पर प्राप्त *अंतर्राष्ट्रीय हिंदी मित्र सम्मान* को अपने माता पिता एवं सभी शुभचिंतकों को समर्पित किया।
हिना कौसर के *अंतर्राष्ट्रीय सम्मान* पाने की खबर पाकर रिश्तेदारों सहकर्मियों एवं परिचित सभी ने बधाइयां दी हैं।