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अंतर्राष्ट्रीय मुख्य प्रशासिका डॉ० दादी प्रकाशमणि जी की 18 वीं पुण्यतिथि विश्व बंधुत्व दिवस के रूप में मनाई गई।

अंतर्राष्ट्रीय मुख्य प्रशासिका डॉ० दादी प्रकाशमणि जी की 18 वीं पुण्यतिथि विश्व बंधुत्व दिवस के रूप में मनाई गई।

अंतर्राष्ट्रीय मुख्य प्रशासिका डॉ० दादी प्रकाशमणि जी की 18 वीं पुण्यतिथि विश्व बंधुत्व दिवस के रूप में मनाई गई।

अमरदीप नारायण प्रसाद

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय में संस्थान की पूर्व अंतर्राष्ट्रीय मुख्य प्रशासिका डॉ० दादी प्रकाशमणि जी की 18 वीं पुण्यतिथि विश्व बंधुत्व दिवस के रूप में मनाई गई।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एमएलसी डॉ० तरुण कुमार ने कहा कि वर्तमान जातिवाद, प्रांतवाद, संप्रदायवाद जैसे अनेक विभेदकारी वादों के समय ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा विश्व बंधुत्व दिवस मनाना सामाजिक सौहार्द का एक बहुत बड़ा संदेश है। दादी प्रकाशमणि जी का संपूर्ण जीवन विश्व बंधुत्व की भावना को विकसित करने में समर्पित रहा, जिसके परिणाम स्वरूप पांचों महाद्वीपों में ब्रह्माकुमारीज़ अपनी हजारों शाखाओं एवं लाखों भाई-बहनों के माध्यम से आत्मिक भाव और भावना को फैलाने में दिन-प्रतिदिन तीव्र गति से आगे बढ़ते चले जा रहे हैं। मैं संस्थान के इस महान प्रयास को विनम्र प्रणाम करता हूं एवं दादी जी को अपने श्रद्धा-सुमन अर्पित करता हूं।

डीएसपी ट्रैफिक आशीष राज ने ब्रह्माकुमारीज़ के इस महान प्रयास की भूरि-भूरि प्रशंसा की।

बीके तरुण ने अपने संबोधन में कहा कि दादी प्रकाशमणि जी का संपूर्ण जीवन विश्व बंधुत्व की भावना को प्रकाश स्तंभ बनकर प्रसारित करने में समर्पित रहा। उन्होंने अपने जीवन में समाहित गुणों और शक्तियों से सबों को विश्व बंधुत्व की भावना से ओत-प्रोत किया। 1969 से लेकर 2007 तक इस विशाल संस्थान के दिव्य प्रशासन के दौरान उन्होंने सभी धर्म-जाति-संप्रदाय से जुड़े लोगों को एक परमात्मा पिता की संतान होने के नाते भाई-भाई की दृष्टि से देखा। यह दृष्टि इस संस्थान की मूल विचारधाराओं में से एक है, जो अनेक संकीर्णताओं से ऊपर उठकर भारत के मूल संस्कार और संस्कृति ‘विश्व एक परिवार’ की परिकल्पना को फिर से स्थापित करने के लिए निरंतर कार्यरत है।

कृष्ण भाई ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए कहा कि दादी जी की एक धारणा- ‘हार्मनी अर्थात् हार मान लेना’ को हम जीवन में अपनाएं, तो हमारे संबंध मधुर हो जाएंगे।

सविता बहन ने सभी का स्वागत करते हुए दादी जी की अनेक विशेषताओं जैसे- निमित्त भाव, निर्मानता, निर्मल वाणी, नि:स्वार्थ भाव, सम्मान देना, सहनशीलता, क्षमाशीलता, त्याग आदि पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम को एलआईसी के वरीय प्रबंधक प्रभात कुमार और वार्ड पार्षद प्रदीप कुमार शिबे ने भी संबोधित किया।

ओम प्रकाश भाई ने धन्यवाद-ज्ञापन किया।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से शिव प्रकाश खेमका, कृष्ण कुमार अग्रवाल, डॉ० पंकज, निर्दोष भाई, विनय भाई, वरुण भाई आदि उपस्थित थे।

अंत में सभी भाई-बहनों ने विश्व बंधुत्व की भावना को संप्रेषित करने का शुभ संकल्प लिया और दादी जी को श्रद्धांजलि अर्पित की।

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